ओडिशा ट्रेन हादसे के पीछे ये 5 संभावित कारण
तापमान
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उन्होंने कहा कि भारत में गर्मी एक बड़ी समस्या है. जब गर्मी के मौसम में तापमान 40 डिग्री के पार चला जाता है. इस दौरान रेल पटरियों पर अधिक जोखिम रहता है. दिन के समय में पटरियों का विस्तार होता है. वहीं रात में ठंड के कारण लाइनें सिकुड़ जाती है
Technology faliure
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उन्होंने दूसरा कारण बताया कवच फेल्योर. कवच भारतीय रेल ट्रैक में उपयोग किया जाने वाला एक डिवाइस है, जो एक ट्रेन को एक निश्चित दूरी पर रुकने में मदद करता है जब दूसरी ट्रेन उसी ट्रैक पर आती है
उन्होंने कहा कि नेशनल रेल ट्रैक में सिग्नलिंग अपनेआप होती है फिर भी सिग्नल ऑपरेशन में फेल्योर या सॉफ्टवेयर की खराबी के कारण सिग्नल फेल हो सकते हैं, जिससे दोनों ट्रेनें एक ही लाइन पर आ सकती हैं.
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Signaling Faliure
उन्होंने चौथा कारण फिशप्लेट की खराबी बताया. रेल एक्सपर्ट ने कहा कि फिशप्लेट एक प्लेट है, जो दो रेलों को जोड़ती है. अगर फिश प्लेट खुली रहती है या फिश प्लेट का पेंच खुला रहता है तो पटरी ढीली हो जाएगी और दुर्घटना का कारण बनेगी.
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Fishplate malfunction
न्होंने पांचवां और आखिरी संभावित कारण टेरर एंगल बताया. उन्होंने कहा कि ओडिशा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, आंध्रप्रदेश अभी भी माओवादी प्रभावित क्षेत्र हैं. अगर कोई ट्रैक की फिश प्लेट खोल देता है, तो ट्रेन अपने आप पटरी से उतर जाएगी और टक्कर का कारण बनेगी,
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टेरर एंगल